हथिनी कुंड का पानी दिल्ली में मचा रहा तबाही, यमुना नदी में ही जाएगा फालतू जल

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यमुनानगर ( 15 जुलाई) ईशम I यूपी की तरफ पूर्वी यमुना नहर का चैनल और हरियाणा की तरफ पश्चिमी यमुना नहर के चैनल में पानी निरंतर चल रहा है। जब यमुना में 1 लाख क्यूसिक से ज़्यादा से पानी हो जाता है तब पूर्वी व पश्चिमी दोनों नहर चैनलों को बंद करना पड़ता है। अगर पूर्वी और पश्चिमी नहर चैनलों को बंद नही किया जाएगा तो उनमें मिट्टी (गाद) भरने से चैनल ब्लाक हो जाएंगे।

हथिनीकुंड बैराजमें उत्तर प्रदेश की पूर्वी यमुना नहर की सप्लाई बंद कर यमुना नदी में पानी छोड़े जाने का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो बनाकर एक युवा ने इंटरनेट मीडिया पर डाली है। वीड़ियो की शुरुआत में युवक अपने दो साथियों के साथ हथिनीकुंड बैराज दिखाता है। वह यमुना नदी के बहाव की ओर इशारा करते हुए कह रहा है कि सारा पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। वहां से वह यूपी की पूर्वी यमुना नहर की सप्लाई बंद दिखाता है। इसके बाद फिर से वह यमुना नदी में हो रहे बहाव को दिखाता हुआ कह रहा है कि यह पानी दिल्ली भेजा जा रहा है। इसे आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को ट्विटर पर भाजपा सरकार पर टिप्पणी के साथ अपलोड किया है। भाजपा पर बिना बारिश दिल्ली को डूबोने व घटिया राजनीति का आरोप भी लगाया।

हरियाणा सरकार ने आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के नेताओं के उस आरोप का भी पूरे तथ्यों के साथ जवाब दिया है, जिसमें कहा जा रहा है कि हरियाणा सरकार ने दिल्ली की तरफ जा रही यमुना नहर में ही हथिनी कुंड बैराज का सारा पानी छोड़ा है, जबकि उत्तर प्रदेश की तरफ जाने वाली पूर्वी यमुना नहर और हरियाणा में पड़ने वाली पश्चिमी यमुना नहर में पानी छोड़ा जा सकता था। ऐसा करने पर दिल्ली में आने वाले पानी की मात्रा कम हो जाती। हरियाणा सरकार ने कहा है कि दिल्ली सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए अनर्गल आरोप लगा रही है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सिंचाई सलाहकार देवेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय जल आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार यदि हथिनी कुंड बैराज में पानी का प्रवाह एक लाख क्यूसिक से अधिक है, तो पानी पश्चिमी यमुना नहर (जिसमें हरियाणा के हिस्से का यमुना जल आता है) और पूर्वी यमुना नहर (जो उत्तर प्रदेश की ओर बहती है) में बड़े पत्थरों के कारण प्रवाहित नहीं किया जा सकता। ऐसा करने पर बैराज संरचनाओं को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए नहरों के हेड रेगुलेटर के गेट बंद कर दिए जाते हैं और यमुना नदी में पानी के मुक्त प्रवाह के लिए बैराज पर क्रास रेगुलेटर के गेट खोल दिए जाते हैं।

देवेंद्र सिंह ने कहा कि किसी भी स्थिति में वर्तमान में पश्चिमी यमुना नहर प्रणाली की क्षमता 17000 क्यूसिक और पूर्वी यमुना नहर की क्षमता 7000 क्यूसिक है। लेकिन यह आमतौर पर 4500 क्यूसिक से अधिक क्षमता नहीं रखती। इसके अलावा बैराज के नीचे की ओर कई नाले हैं, जो यमुना नदी में गिरते हैं और जिनसे दिल्ली तक पहुंचने वाले पानी में और वृद्धि होती है। तब अधिक पानी आगरा होते हुएबंगाल की खाड़ी में बह जाता है। पूरे देश में यही स्थिति है, जिसमें पहाड़ियों से या नालों से आने वाला अतिरिक्त बाढ़ का पानी नदियों में गिरता है, जो अंततः इस पानी को समुद्र में बहा देती हैं।

देवेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले में भी कुछ भी असामान्य नहीं है। दिल्ली सरकार द्वारा बाढ़ तैयारियों के मामले में अपनी लापरवाही तथा अक्षमता को छिपाने के लिए अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है।जानिये पूर्वी और पश्चिमी नहर के साथ यमुना का क्या है जल स्तर हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के सीईओ एवं सिंचाई विभाग के इंजीनियर इन चीफ डा. सतबीर कादियान का कहना है कि हथिनी कुंड बैराज से आज पूर्वी यमुना नहर चैनल में पानी चल रहा है। पूर्वी यमुना नहर चैनल में आज 1000 क्यूसिक पानी चल रहा है। इसी तरह पश्चिमी यमुना नहर चैनल में करीब 10 हज़ार क्यूसिक पानी चल रहा है। 58 हज़ार क्यूसिक पानी नदी (यमुना) में चल रहा है।

उन्होंने कहा कि यूपी की तरफ पूर्वी यमुना नहर का चैनल और हरियाणा की तरफ पश्चिमी यमुना नहर के चैनल में पानी निरंतर चल रहा है। जब यमुना में 1 लाख क्यूसिक से ज़्यादा से पानी हो जाता है तब पूर्वी व पश्चिमी दोनों नहर चैनलों को बंद करना पड़ता है। अगर पूर्वी और पश्चिमी नहर चैनलों को बंद नही किया जाएगा तो उनमें मिट्टी (गाद) भरने से चैनल ब्लाक हो जाएंगे। हथिनी कुंड बैराज से 2013 और 2019 में आठ लाख क्यूसिक से ज्यादा पानी छोड़ा गया था। इस बार अधिकतम पानी 3.25 लाख क्यूसिक छोड़ा गया है। बहाना 7000 क्यूसिक क्षमता वाली पूर्वी यमुना नहर के बंद करने का बनाया जा रहा है, जिसे ऐसी परिस्थिति में हमेशा बंद किया जाता है ताकि पहाड़ों से आ रही मिट्टी और पत्थरों से नहर बाधित ना हो।

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