बाढ़ से दिल्ली बेहाल, पंजाब में नावों से BSF की पेट्रोलिंग; घग्गर मचा रही हरियाणा में तबाही

नई दिल्ली ( 15 जुलाई ) तन्वी I हथिनी कुंड बैराज से दो दिन पहले अधिकतम तीन लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा रहा था जो अब 50 से 60 हजार क्यूसेक तक रह गया है। सिविल लाइंस कश्मीरी गेट रिंग रोड के बाद रात से आइटीओ क्षेत्र सुप्रीम कोर्ट के आसपास भी पानी भर गया है जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। स्थिति का निरीक्षण करने उपराज्यपाल वीके सक्सेना व मुख्यमंत्री केजरीवाल मौके पर पहुंचे।
यमुना के उफान के चलते राजधानी के कई नए क्षेत्रों में पानी भरने से लोगों की दुश्वारियां और बढ़ गईं। इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन के नजदीक नाले में दरार आने और इसका रेगुलेटर क्षतिग्रस्त होने से सुप्रीम कोर्ट परिसर के नजदीक तक पानी पहुंच गया। स्थिति को संभालने के लिए एनडीआरएफ के साथ सेना की मदद ली और शुक्रवार देर शाम तक पानी रोकने के लिए बनाई जा रही दीवार का 80 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया। रिंग रोड सहित कई मार्ग भी अभी बंद हैं, जिससे लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कई क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है। जलभराव वाले अधिकांश क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी गई है। इस बीच, बाढ़ के पानी में तीन बच्चे डूब गए। बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है।यमुना का जलस्तर गुरुवार को 208.66 मीटर था, जो शुक्रवार शाम पांच बजे 208.20 मीटर पर आ गया। हालात नियंत्रित करने के हर संभव प्रयास हो रहे हैं।
हथिनी कुंड बैराज से दो दिन पहले अधिकतम तीन लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा रहा था, जो अब 50 से 60 हजार क्यूसेक तक रह गया है। सिविल लाइंस, कश्मीरी गेट, रिंग रोड के बाद रात से आइटीओ क्षेत्र, सुप्रीम कोर्ट के आसपास भी पानी भर गया है, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। स्थिति का निरीक्षण करने उपराज्यपाल वीके सक्सेना व मुख्यमंत्री केजरीवाल मौके पर पहुंचे।
ट्रेनें निरस्त, यात्री परेशान
दिल्ली से अन्य शहरों के लिए चलने वाली अधिकांश लोकल व लंबी दूरी की कई ट्रेनें शुक्रवार को निरस्त रहीं। शनिवार को पुरानी दिल्ली-अंबाला एक्सप्रेस, पुरानी दिल्ली-फाजिल्का एक्सप्रेस, नई दिल्ली-देहरादून जनशताब्दी एक्सप्रेस, ऊना जनशताब्दी एक्सप्रेस, कोटद्वार जनशताब्दी, पुरानी दिल्ली-सहारनपुर एक्सप्रेस सहित कई लोकल ट्रेनें निरस्त रहेंगी।
पंजाब की नदियों से पाकिस्तान की तरफ छोड़ा गया पानी
पंजाब के सैकड़ों गांव पानी में डूबे हैं। जम्मू कश्मीर, हिमाचल और हरियाणा से भी पानी आ रहा है, लेकिन अतिरिक्त पानी को अब न तो राजस्थान लेने को तैयार है और न ही हरियाणा। मजबूरन रावी और सतलुज नदी से पांच लाख क्यूसेक पानी पाकिस्तान की तरफ छोड़ना पड़ा है। जम्मू कश्मीर की ऊझ नदी से दो लाख क्यूसेक पानी रावी में आया, जिसे पाकिस्तान की तरफ छोड़ना पड़ा। ब्यास और सतलुज में आए तीन लाख क्यूसेक पानी भी पाकिस्तान की तरफ चला गया। जानकारी के मुताबिक, इसके लिए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से संपर्क किया है ताकि बाढ़ के संकट को टाला जा सके।
नावों से पेट्रोलिंग कर रहे बीएसएफ जवान
फिरोजपुर जिले में लगभग 80 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें लगी फें¨सग पूरी तरह से डूब चुकी है। बीएसएफ की 12 चौकियां पूरी तरह से जलमग्न हो गईं। हालत यह है कि बीएसएफ जवान नावों के जरिये पेट्रोलिंग कर रहे हैं। तीन-चार फीट पानी में निगरानी रख रहे हैं। सेना के साथ मिलकर बीएसएफ जवान तीन हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुके हैं।
यमुना में घटा पानी, घग्गर मचा रही हरियाणा में तबाही
हरियाणा में यमुना का जलस्तर कम होने लगा है, लेकिन घग्गर खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। इससे कैथल, फतेहाबाद जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। सिरसा में भी अलर्ट है। पंजाब के मूनक में घग्गर नदी टूटने व जाखल के तलवाड़ा में 10 फीट तक दरार आने से 16 गांवों में पानी पहुंच गया है। 120 ढाणियों को खाली करवाया गया है। प्रशासन ने 450 स्कूलों में 23 जुलाई तक अवकाश घोषित कर दिया है। यमुनानगर, करनाल में भी यमुना नदी से सटे गांवों में हालात गंभीर हैं। पानीपत में थोड़ी राहत जरूर मिली है।
उप्र में बढ़ रहा नदियों का जलस्तर, 10 की मौतपहाड़ों पर लगातार बारिश से उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना समेत अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ना जारी है। बदायूं में गंगा नदी खतरे के निशान से 74 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। आगरा में भी यमुना नदी खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है। पश्चिमी उप्र के कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं। इस बीच वर्षाजनित हादसों में 10 लोगों की जान चली गई।
पहाड़ों पर सामान्य हो रहा जनजीवन
कई दिनों बाद पहाड़ी राज्यों में जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्ग की परेशानी कम हुई है। हिमाचल प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा हुई, लेकिन अधिकतर स्थानों पर मौसम साफ रहा। शुक्रवार को बेंगलुरु की महिला का शव बरामद हुआ है। मानसून आने के बाद बाढ़, भूस्खलन और सड़क हादसों में 108 लोगों की जान जा चुकी है।