6 महीने से तनख्वाह की बाट जोहती मिड डे मील वर्कर 28 अप्रैल से जायेंगी हड़ताल पर

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अम्बाला 14 अप्रैल | मिड-डे-मील वर्कर यूनियन (1933) सम्बंधित सीआईटीयू के आह्वान पर नवम्बर 2022 से मानदेय का भुगतान न होने से गुस्साई वर्कर ने शिक्षा सदन पर सोनिया रानी की अध्यक्षता में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर मौलिक शिक्षा अधिकारी को आंदोलन का नोटिस दिया। पहले चरण में 18 अप्रैल को उपायुक्त कार्यलय पर प्रदर्शन और दूसरे चरण में 28 अप्रैल को स्कूलों में राशन न बनाने की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही सरकार को यह भी सचेत किया गया है कि यदि इसके बाद भी मानदेय का भुगतान नही किया तो वर्कर लगातार काम का बहिष्कार भी कर सकती है।

सीआईटीयू नेता सतीश सेठी ने कहा कि काम के हिसाब से वर्कर को 26 हज़ार रुपए न्यूनतम वेतन मिलना चाहिए। परंतु सरकार सात हजार रुपए साल के बारह महीनों में से केवल दस महीनों के देती है जोकि समय पर नही मिलते । इस कारण वर्कर के घरों के हालात बद से बदतर हो गए है। मिड डे मील में काम करने वाली वर्कर गरीब व दलित परिवारों से है। इनमें काफी विधवा महिलाएं भी है। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए यह बड़े शर्म की बात है।

यूनियन द्वारा सौंपे गए नोटिस में जंहा बकाया मानदेय के जल्द भुगतान करने की मांग की गई वंही साल के पूरे 12 महीने का मानदेय देने। बेगार प्रथा पर रोक लगाने। स्कूलों की मरजिंग के चलते हटाई गई वर्कर को वापिस काम पर लेने। ईपीएफ ,ईएसआई व मेडिकल सुविधा देने। 65 वर्ष की आयु पर रिटायरमेंट व दो लाख रुपए देने। वर्दी भत्ता दो हज़ार रुपए सालाना करने की मांग भी की गई है।

प्रदर्शन को मिड डे मील वर्कर यूनियन नारायणगढ़ से राज कुमारी व किरण, बराड़ा से ममतेश चौहान व नरेंद्र कोर, अम्बाला से अमरजीत व पूजा के इलावा सुषमा, नाजरा, कविता, हरविंद्र, बाला रानी व सरोज ने भी सम्बोधित किया।

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