डॉ सुशील इंदौरा हरियाणा कांग्रेस के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त

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चंडीगढ़ |  हरियाणा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने पूरे समीकरण तय करने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस ने सूबे के 19% दलित वोट को साधने के लिए बड़ा फैसला किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के बाद अब केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व MP और राज्य के बड़े दलित चेहरे डॉ सुशील इंदौरा को संगठन में अहम जिम्मेदारी दी है। इंदौरा को अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

कौन है सुशील इंदौरा ?
सुशील इंदौरा सिरसा लोकसभा क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं। वे यहां से दो बार सांसद और ऐलनाबाद से एक बार विधायक रह चुके हैं। इंदौरा पहले कभी पूर्व CM ओमप्रकाश चौटाला के राजनीतिक परिवार के करीबी हुआ करते थे, लेकिन अब वह पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी हैं। इंदौरा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद हैं।

इसलिए कांग्रेस ने खेला दांव
हरियाणा में फतेहाबाद और सिरसा में दलितों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा यह दलित वोट सभी राजनीतिक दलों के निर्णायक साबित होता रहा है। इंदौरा की नियुक्ति कर हरियाणा कांग्रेस ने यह बड़ा दांव खेला है।

दलित नेताओं को अहम जिम्मेदारी
कांग्रेस 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर काफी एक्टिव है। संगठन नहीं होने के बाद भी पार्टी दलितों व पिछ़डों का भरोसा जीतने के लिए एक सोची समझी रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। यही कारण है कि यहां के और भी दलित नेताओं को पार्टी ने अहम जिम्मेदारी पहले से दे रखी है। इनमें हरियाणा के पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जबकि करनाल जिले के रहने वाले डा. रमेश सैनी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।

संगठन से पहले प्रकोष्ठ की घोषणा
हरियाणा कांग्रेस में पिछले 8 सालों से पार्टी अपना संगठन खड़ा नहीं कर पाई है। इसकी वजह पार्टी में 4 गुटों का होना है। पहला गुट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा का है। इसके अलावा राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और किरण चौधरी का गुट पार्टी में सक्रिय है। पार्टी का संगठन भले ही अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी ने दलित व पिछड़ों का भरोसा जीतने के लिए अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का गठन पहले कर लिया है।

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