देश को राजनीतिक आजादी के साथ आर्थिक और सामाजिक आजादी दिलाना ही भगतसिंह को सच्ची श्रद्धांजलि : सतीश सेठी

नारायणगढ़ 23 मार्च। हरियाणा सिविल पेंशनर्ज वेलफेयर एसोसिएशन ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को याद करते हुए उनके सपनों को मंजिल तक पहुंचाने के लिए सँघर्ष को तेज करने की शपथ ली।
कम्युनिटी हाल में आयोजित 93वे शहीदी दिवस कार्यक्रम में उपस्थित सेकड़ो पेंशनर्ज व अन्य गणमान्य जन प्रतिनिधियों ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें क्रांतिकारी श्रदांजलि अर्पित की । कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त रूप से एसोसिएशन के प्रधान राम नाथ धीमान व सीनियर सिटीजन जरनैल सिंह बढागढ़, स.बलदेव सिंह व मा. हरफूल सिंह ने की। मंच का संचालन करते हुए महासचिव मा.सुखदेव ने शहीदो के जन्म से शहादत तक के सफर के इतिहास की प्रस्तुति रखी।

इंकलाब-जिंदाबाद। शहीद साथी अमर रहे के गगनभेदी नारो व देशभगति के गीत मेरा रंग दे बसंती चोला एवं वतन की राह में वतन के नोजवानो शहीद हो के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

पेंशनर्ज एसोसिएशन के नेता राम नाथ धीमान व सतीश सेठी ने अमर शहीदो के आजादी के सपने और आज के भारत विषय पर अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि शहीदो का आजादी का सपना राजनीतिक आजादी के साथ ही आर्थिक और सामाजिक आजादी का भी था। अर्थात देश के करोड़ो मेहनतकश लोग, किसान व मजदूर, दलित व कमजोर तबकों की मुक्ति ही असल आजादी है। क्रांतिकारी साफ कहा करते थे कि गोरे अंग्रेजो की जगह काले अंग्रेजो के सत्ता में आने से कोई फर्क नही पड़ेगा। केवल सत्ता परिवर्तन नही व्यवस्था परिवर्तन होना चाहिए। परंतु आजादी के बाद 75 सालों में देश का शासक वर्ग सत्ता के नशे में शहीदो के सपनो को भूलता चला गया। आज आर्थिक गेर बराबरी इतनी बढ़ गई है कि ऊपर के 10% के पास 74% सम्पति इकट्ठी हो गई है जबकि नीचे के आधी आबादी के हिस्से केवल 3% सम्पत्ति ही आई है। किसान व मजदूरों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। हर रोज 30 किसान व मजदूर कर्जे के कारण आत्महत्या कर रहे है। भुखमरी बढ़ती जा रही है। 80 करोड़ लोग 5 किलो सरकारी मुफ्त मिलने वाले अनाज पर गुजर-बसर करने के लिए मजबूर है। पूंजीपतियों के हक में श्रम कानूनों को खत्म कर चार लेबर कोड बनाकर मजदूरों को फिर से गुलामी की जंजीरों में जकड़ दिया गया है।

साम्प्रदायिकता का जहर खुद सत्ता में बैठे लोग फैलाने में लगे हुए है। चारो ओर अन्याय का बोलबाला है। बेरोजगारी व महंगाई चरम सीमा पर है। कार्पोरेट्स को टेक्सो में छूट देकर मेहनतकश जनता पर टेक्सो का बोझ लाद उनकी कमर तोड़ दी है।
धीमान व सेठी ने कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह ने असेम्बली बम कांड की अदालत में सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर कोई सरकार जनता को उसके मूलभूत अधिकारों से वंचित रखती हो तो जनता का केवल यह अधिकार ही नही बल्कि आवश्यक फर्ज बन जाता है कि ऐसी सरकार को उखाड़ फेंके। आज शहीदो की कुर्बानियों से मिली आजादी को बचाने का समय है। इसलिए मिलकर संघर्षो को तेज करना होगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नगरपालिका के पूर्व चेयरमेन अमित वालिया, पार्षद प्रवीण गुप्ता, भीमसेन गेरा, प्रवीण नामदेव उपस्थित रहे जिन्हें एसोसिएशन द्वारा सम्मानित भी किया गया।
साम्रज्यवाद मुर्दाबाद।साम्प्रदायिकता मुर्दाबाद। मेहनतकश का भाईचारा जिंदाबाद। इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ प्रस्ताव पास किया गया कि भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को शहीद का दर्जा दिया जाए।
कार्यकम को उक्त के इलावा भारत भूषण सैनी, राजेन्द्र धीमान, जय पाल काठेमाजरा, राम पाल पंजलसा, ओम प्रकाश पाल, विनोद वर्मा, चमन वालिया, मलकियत सिंह हड़बोंन, ईशर दास भुरेवाला, कृष्ण कुमार, सतपाल मेहता, सुरेंद्र आर्य, ओम प्रकाश आहूजा, श्याम लाल कोशिक, गुरदयाल सिंह, किशोरी लाल, अमरनाथ धींगड़ा, जगमाल सिंह, तेज पाल शर्मा, पेंशन सँघर्ष समिति से कमलदीप भट्टी, सर्व कर्मचारी संघ के ब्लाक प्रधान अरुण कुमार , विद्यालय अध्यापक संघ से जसमत सिंह व नगरपालिका कर्मचारी संघ से मांगे साहिब इत्यादि ने अमर शहीदो को याद करते हुए श्रदांजलि अर्पित की।