सेम सेक्स मैरिज मामले में आरएसएस और केंद्र सरकार का नजरिया एक, नहीं होनी चाहिए सेम सैक्स मैरिज

पानीपत 14 मार्च | पानीपत में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में मंगलवार को सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने सेम सेक्स मैरिज पर केंद्र सरकार की हाँ में हाँ मिलाते हुए सेम सेक्स मैरिज का विरोध किया है। होसबोले ने कहा इस बारे में स्पष्ट रूप से अपना स्टैंड क्लियर करते हुए कहा कि शादी सिर्फ अपोजिट सेक्स वालों के बीच ही संभव है।

12 मार्च से चल रही सभा के आखिरी दिन मंगलवार को दत्तात्रेय होसबोले ने पत्रकारों को संबोधित किया। उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) RSS का सबसे बड़ा घटक है जिसे आरएसएस का थिंक टैंक भी कहा जाता है। संघ से सम्बन्धित सारे जरूरी फैसले और प्लानिंग यही तय होती है। पानीपत में हुई सभा की इस बैठक में BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति तीनों दिन नजर आई।
आरएसएस के सरकार्यवाह हसबोले ने राहुल गाँधी की पिछले दिनों की गई गतिविधियों पर भी अपनी प्रतिक्रिया मीडिया के सामने रखी
1. राहुल बोलते वक्त शब्दों की गंभीरता को समझें
हसबोले ने कहा, ‘ हालाँकि इस पर कोई प्रतिक्रिया देने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि राहुल गांधी का अपना एक राजनीतिक उद्देश्य है। उन्होंने ये भी कि RSS की वास्तविकता को भी हर कोई जानता है। लेकिन देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने के चलते राहुल गांधी को और ज्यादा गंभीरता से बोलना चाहिए।’
2. भारतीय संस्कृति में शादी एक संस्कार है कोई कॉन्ट्रेक्ट नहीं
एक ही सैक्स के लोगों की आपसी शादी से जुड़े सवाल पर होसबोले ने कहा, ‘भारतीय संस्कृति में शादी एक संस्कार है। यह कोई कॉन्ट्रैक्ट या दो इंडीविजुअल लोगों के मजे करने का विषय नहीं है।’
3. लोकतंत्र पर बोलने का नैतिक अधिकार खो चुकी है काँग्रेस
होसबोले ने काँग्रेस को घेरते हुए कहा, ‘आपातकाल के समय मैं भी जेल गया था। मेरे अलावा देश के अनेक लोग जेल में डाले गए थे। इंदिरा, राजीव, सोनिया के बाद अब राहुल गांधी भी संघ के बारे में विवादित टिप्पणी कर रहे हैं। वे कह रहे हैं लोकतंत्र खतरे में है। अब चुनाव नजदीक है। लोकतंत्र खतरे में होता तो हम इकट्ठा नहीं हो पाते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोकतंत्र के बारे में बोलने का कोई नैतिक आधार नहीं है। कांग्रेस ने आज तक आपातकाल के लिए भी देश से माफी नहीं मांगी।’
तीन दिन चले आयोजन में चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई
सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की इस 3 दिवसीय बैठक में चुनाव को लेकर ना कोई चर्चा हुई और ना ही एजेंडा तय था। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ की इस बैठक में राजनीतिक विषय पर भी कोई चर्चा नहीं हुई। बैठक में BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के CM मनोहर लाल को बुलाए जाने पर संघ ने कहा कि यह परंपरा है।
उल्लेखनीय ये भी है वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले RSS हाई कमान की यह आखिरी बड़ी मीटिंग थी। इसमें सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, पांचों सह सरकार्यवाह, RSS की अखिल भारतीय कार्यकारिणी, क्षेत्रीय व प्रांतीय कार्यकारिणी, संघ के प्रतिनिधि, सभी विभाग प्रचारक और 34 अलग-अलग संगठनों के स्वयंसेवक शामिल हुए।
प्रतिनिधि सभा में 3 प्रस्ताव पास लेकिन महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर कोई चर्चा नहीं हुई
1. बैठक के पहले दिन अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने इस बैठक में तीन प्रस्ताव लाने की बात कही थी। उनके अनुसार, सामाजिक समरसता से जुड़े पहले प्रस्ताव में भारत के विकास की नीति बनाने पर जोर रहा। इसमें समाज का सहयोग और समाज के कार्यों की नीति बनाई गई।
2. दूसरा प्रस्ताव सर्वधर्म समभाव का रहा जिसमें सबको जोड़ने पर जोर दिया गया। भगवान महावीर के परिनिर्वाण के जीवन संदेश और स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्म शताब्दी वर्ष के बारे में लोगों को बताने पर जोर दिया गया।
3. तीसरा प्रस्ताव RSS की शाखाओं में महिलाओं को शामिल करने से संबंधित बताया गया। हालांकि बैठक के आखिरी दिन होसबोले ने स्पष्ट किया कि मुस्लिम महिलाओं को RSS और शाखाओं से जोड़ने की खबर सिर्फ मीडिया रिपोर्ट्स में पढ़ी। सभा में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।
संघ से जुड़ने के लिए छह साल में आई 7.25 लाख रिक्वेस्ट
- मीटिंग के पहले दिन सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने दावा किया था कि वर्ष 2017 से 2022 तक 7 लाख 25 हजार लोगों ने RSS से जुड़ने को लेकर संघ की वेबसाइट पर रिक्वेस्ट डाली। यानी हर साल 1 लाख 20 हजार लोगों ने संघ से जुड़ने में रुचि दिखाई। इसमें से 70 फीसदी युवा समाज मे योगदान देना चाहते हैं।
- डॉ. मनमोहन वैद्य के अनुसार, देशभर में 42613 जगह शाखाएं लग रही है, जबकि 2022 में 37903 जगह पर शाखाएं लगा करती थी। शाखाओं की कुल संख्या 68651 है, जिसमें पिछले साल के मुकाबले 15% की बढ़ोतरी हुई है।
- साप्ताहिक मिलन जो कि सप्ताह में एक बार लगती है, की संख्या पूरे देश 26877 है। महीने में एक बार संघ मंडली लगती है, इनकी संख्या 10412 है।